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पृथ्वी : परिचय


1.     पृथ्वी : परिचय                 
  • ब्रह्मांड में एक मात्र ऐसा ग्रह जहां जीवन संभव है।
  • पृथ्वी आकार में 5वां सबसे बड़ा ग्रह है और सूर्य से दूरी के क्रम में तीसरा ग्रह है।
  • यह सौरमण्डल का एकमात्र ग्रह है, जिस पर जीवन है।
  • इसका विषुवतीय / भूमध्यरेखीय व्यास 12,756 किलोमीटर और ध्रुवीय व्यास 12,714 किलोमीटर है।
  • पृथ्वी अपने अक्ष पर 23 1º/2 झुकी हुई है।
  • यह अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व 1610 किमी /घंटा की चाल से 23 . 56 . 4 घंटे में एक चक्कर पूरा करती है।
  • पृथ्वी की इस गति को घूर्णन या दैनिक गति कहते हैं।
  • इस गति से ही दिन व रात होते हैं।
  • इस ग्रह का निर्माण लगभग 4.54 अरब वर्ष पूर्व हुआ था और इस घटना के 1 अरब वर्ष पश्चातï यहां जीवन का विकास शुरू हो गया था।
  •  पृथ्वी सभी चार सौर भौमिक ग्रहों में द्रव्यमान और आकार में सबसे बड़ी है। अन्य तीन भौमिक ग्रह हैं- बुध, शुक्र और मंगल। इन सभी ग्रहों में पृथ्वी का घनत्व, गुरुत्वाकर्षण, चुम्बकीय क्षेत्र, और घूर्णन सबसे ज्यादा हैं।
  • पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकेण्ड (लगभग 365 दिन व 6 घंटे) का समय लगता है।
कुछ अन्य तथ्य :
  • सूर्य के चातुर्दिक पृथ्वी के इस परिक्रमा को पृथ्वी की वार्षिक गति अथवा परिक्रमण कहते हैं।
  • पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में लगे समय को सौर वर्ष कहा जाता है।
  • प्रत्येक सौर वर्ष, कैलंडर वर्ष से लगभग 6 घंटा बढ़ जाता है। जिसे हर चौथे वर्ष में लीप वर्ष बनाकर समायोजित किया जाता है। लीप वर्ष 366 दिन का होता है। जिसके कारण फ़रवरी माह में 28 दिन के स्थान पर 29 दिन होते हैं।
  • पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन, इसकी कक्षा पर झुके होने के कारण तथा सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थिति में परिवर्तन यानि वार्षिक गति के कारण होती है। वार्षिक गति के कारण ही पृथ्वी पर दिनरात छोटाबड़ा होता है।
  • आकार एवं बनावट की दृष्टि से पृथ्वी शुक्र के समान है।
  • जल की उपस्थिति तथा अंतरिक्ष से नीला दिखाई देने के कारण इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है।
  • पृथ्वी की उत्पत्ति 4.6 अरब वर्ष पूर्व हुई थी. जिसका 70.8 % भाग जलीय ओर 29.2 % भाग स्थलीय है।
  • इसका अक्ष इसकी कक्षा के सापेक्ष 66.5º का कोण बनाता है।
  • सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का तारा 'प्रॉक्सीमा सिंटोरी' है, जो अल्फा सिंटोरी समूह का एक तारा है। यह पृथ्वी से 4.22 प्रकाश वर्ष दूर है।
  • पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा है।

2.   पृथ्वी की गतियाँ
  • पृथ्वी अपने अक्ष पर निरंतर घूमती रहती है। इसकी दो गतियाँ हैं-
  • घूर्णन (Rotation) -पृथ्वी के अपने अक्ष  पर चक्रण को घूर्णन कहते हैं। पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा में घूमती है और एक घूर्णन पूरा करने में 23 घण्टे, 56 मिनट और 4.091 सेकेण्ड का समय लेती है। इसी से दिन व रात होते हैं।
  • परिक्रमण (Revolution) - पृथ्वी सूर्य के चारों ओर अंडाकार पथ पर 365 दिन, 5 घण्टे, 48 मिनट व 45.51 सेकेण्ड में एक चक्कर पूरा करती है, जिसे उसकी परिक्रमण गति कहते हैं। पृथ्वी की इस गति की वजह से ऋतु परिवर्तन होता है।
3.     अक्षांश रेखाएँ (Latitude)
- ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गईं काल्पनिक रेखाओं को अक्षांश रेखाएं कहते हैं। अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या 180 है। प्रति अंश की अक्षांशीय दूरी लगभग 111 किमी. के बराबर होते हैं।
अक्षांश रेखाओं में तीन प्रमुख रेखाएं हैं-
  • कर्क रेखा (Tropic of cancer)यह रेखा उत्तरी गोलाद्र्ध में भूमध्यरेखा के समानांतर 23 30′ पर खींची गई है।
  •  मकर रेखा (Tropic of Capricorn)यह रेखा दक्षिणी गोलाद्र्ध में भूमध्य रेखा के समानांतर 23 30′ अक्षांश
पर खींची गयी है।
  • विषुवत अथवा भूमध्य रेखा (Equator)यह रेखा पृथ्वी को उत्तरी गोलाद्र्ध (Northern Hemisphere) और
  •  दक्षिणी गोलाद्र्ध (Southern Hemisphere)-दो बराबर भागों में बाँटती है। इसे शून्य अंश अक्षांश रेखा भी कहते हैं।
प्रत्येक वर्ष दो संक्रांति होती हैं
  • कर्क संक्रांति (Summer Solistice) – 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लम्बवत चमकता है। इस स्थिति को कर्क संक्रांति (Summer Solistice) कहते हैं।
  • मकर संक्रांति (Winter Solistice) – 22 दिसम्बर को सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत चमकता है। इस स्थिति को मकर संक्रांति (Winter Solistice) कहते हैं।

4.     देशांतर रेखाएँ (Longitudes)-
  • पृथ्वी पर  दो अक्षांशों के मध्य कोणीय दूरी को देशांतर कहा जाता है।
  • भूमध्य रेखा पर देशांतरों के मध्य दूरी 111.32 किमी. होती है।
  • दुनिया का मानक समय इसी रेखा से निर्धारित किया जाता है।
  • इसीलिए इसे प्रधान मध्यान्ह देशांतर रेखा (Prime Meridian) कहते हैं।
  • लंदन का एक नगर ग्रीनविच इसी रेखा पर स्थित है, इसलिए इस रेखा को ग्रीनविच रेखा भी कहते हैं।
  • देशांतर की दूरी तय करने में पृथ्वी को 4 मिनट का समय लगता है।
  • स्थानीय समय - पृथ्वी पर स्थान विशेष के सूर्य की स्थिति से परिकल्पित समय को स्थानीय समय कहते हैं।
  • मानक समय - किसी देश अथवा क्षेत्र विशेष में किसी एक मध्यवर्ती देशांतर रेखा के स्थानीय समय को पूरे देश अथवा क्षेत्र का समय मान लिया जाता है
  • जिसे मानक समय कहते हैं। भारत के 82 30′ पूर्व देशांतर रेखा के स्थानीय समय को पूरे देश का मानक समय माना गया है।
  • अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा यह एक काल्पनिक रेखा है जो प्रशांत महासागर के बीचों-बीच 180' देशांतर पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गई है।
  • इस रेखा के पूर्व व पश्चिम में एक दिन का अंतर होता है।
5.     आंतरिक संरचना -
  • पृथ्वी की आकृति लघ्वक्ष गोलाभ के समान है। यह लगभग गोलाकार है जो ध्रुवों पर थोड़ा चपटी है।
  • इस पर सबसे उच्चतम बिंदु माउंट एवरेस्ट है जिसकी ऊँचाई 8848 मी. है।
  • दूसरी ओर सबसे निम्नतम बिंदु प्रशांत महासागर में स्थित मारियाना खाई है जिसकी समुद्री स्तर से गहराई 10,911 मी. है।
  • पृथ्वी की आंतरिक सरंचना कई स्तरों के तीन प्रधान अंग है- ऊपरी सतह भूपर्पटी, मध्य स्तर मैंटल और आंतरिक स्तर धात्विक क्रोड।
  • इसके कुल आयतन का 0.5% भाग भूपर्पटी का है जबकि 83% भाग में मैंटल विस्तृत है। शेष 16% भाग क्रोड है।
  • पृथ्वी का निर्माण आयरन (32.1 फीसदी), ऑक्सीजन (30.1 फीसदी), सिलिकॉन (15.1 फीसदी), मैग्नीशियम (13.9 फीसदी), सल्फर (2.9 फीसदी), निकिल (1.8 फीसदी), कैलसियम (1.5 फीसदी) और अलम्युनियम (1.4 फीसदी) से हुआ है।
  • इसके अतिरिक्त लगभग 1.2 फीसदी अन्य तत्वों का भी योगदान है। क्रोड का निर्माण लगभग 88.8 फीसदी आयरन से हुआ है।
  • भूरसायनशास्त्री एफ. डल्ब्यू, क्लार्क के अनुसार पृथ्वी की भूपर्पटी में लगभग 47 फीसदी ऑक्सीजन है।


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