कई यूपीएससी उम्मीदवार प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन उनमें से अधिकतर परीक्षा प्रक्रिया में प्रवेश करने में असमर्थ हैं। यह ज्ञान की कमी के कारण नहीं है, बल्कि यह तैयारी रणनीति और परीक्षा तैयारी तकनीकों की कमी है। अपनी उपलब्धि की जांच के लिए दैनिक प्राप्त करने योग्य लक्ष्यों और अभ्यास परीक्षण के साथ एक सतत दृष्टिकोण मेरिट सूची में आने लिए जरूरी होता है।
लेकिन कई उम्मीदवार सोचते हैं कि कुछ आदर्श समय सारिणीहै जो आईएएस टॉपर्स रखते जिससे वो उम्मीदवार सफल उम्मीदवार बनते हैं हां, ऐसा कोई जादुई समय सारिणी नहीं है। जादू आपके भीतर है जो आपको सफल होने के लिए एक अच्छी समय सारिणी को बनाने मे आपकी मदद कर सकता है। जो लोग अपनी खुद की अध्ययन योजना बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, उनके लिए हम एक आदर्श दिनचर्या को इस पोस्ट मे डाल रहे हैं जिसका उपयोग निजी आवश्यकता के अनुसार सीधे या संशोधन के साथ किया जा सकता है।
आईएएस तैयारी के लिए समय प्रबंधन
आईएएस तैयारी के लिए दैनिक समय सारिणी।
Note:-
लेकिन कई उम्मीदवार सोचते हैं कि कुछ आदर्श समय सारिणीहै जो आईएएस टॉपर्स रखते जिससे वो उम्मीदवार सफल उम्मीदवार बनते हैं हां, ऐसा कोई जादुई समय सारिणी नहीं है। जादू आपके भीतर है जो आपको सफल होने के लिए एक अच्छी समय सारिणी को बनाने मे आपकी मदद कर सकता है। जो लोग अपनी खुद की अध्ययन योजना बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, उनके लिए हम एक आदर्श दिनचर्या को इस पोस्ट मे डाल रहे हैं जिसका उपयोग निजी आवश्यकता के अनुसार सीधे या संशोधन के साथ किया जा सकता है।
आईएएस तैयारी के लिए समय प्रबंधन
- दैनिक दिनचर्या की योजना बनानी चाहिय
- उसके साथ छात्रों को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए दीर्घकालिक रणनीति की आवश्यकता होती है।
- दैनिक लक्ष्य में इस लंबी अवधि की रणनीति को छोटे छोटे भागो मे बाटना चाहिय
- और अपनी प्रगति का परीक्षण करे I
- हमेशा एक हफ्ते की योजना बनाएं और हर 30 दिनों में प्रोग्रैस चेक करें।
- दैनिक अध्ययन योजना में ब्रेक टाइम, शौक के लिए समय और अतिरिक्त पाठ्यचर्या गतिविधियों को भी शामिल करना चाहिए।
- अपने दैनिक शेड्यूल को 2 घंटे के चार अध्ययन सत्रों में विभाजित करें।
- प्रत्येक अध्ययन सत्र में नियमित ब्रेक लें।
- मनोवैज्ञानिक सिद्धांत के अनुसार, कोई 45 मिनट से अधिक ध्यान केंद्रित नहीं कर सकता है।
- इसलिए प्रत्येक 45 से 50 मिनट के अध्ययन सत्र के 10 मिनट बाद ब्रेक लेने का प्रयास करें।
- शारीरिक और मानसिक शक्ति रखने के लिए नियमित रूप से संतुलित आहार और अच्छी नींद लें
आईएएस तैयारी के लिए दैनिक समय सारिणी।
समय | असाइनमेंट | कार्य |
5.30 AM | उठना | आराम करे और खुद को ताज़ा करें। |
5.45 to 6.30 AM | योगा | यह व्यक्ति पर निर्भर है। |
7 to 9 AM | अध्ययन सत्र 1 | सुबह जल्दी उठकर पढ़ना एक महत्वपूर्ण सत्र है। कठिन विषयों या महत्वपूर्ण विषयों को कवर करने का प्रयास करें। आम तौर पर, मन ताजा और ऊर्जावान होता है यह बहुत सारी जानकारी को संग्रहित कर सकता। |
9 to 10 AM | ब्रेकफ़ास्ट | अच्छा नाश्ता करें और किसी भी कीमत पर नाश्ते को न छोड़ें। यह दैनिक आहार में बहुत महत्वपूर्ण है। यदि नाश्ते के लिए कुछ भी उपलब्ध नहीं है, तो अंकुरित दाले व दो केले ले लें जो पर्याप्त से अधिक है। |
10 to 1 PM | अध्ययन सत्र 2 | यह सबसे लंबा अध्ययन सत्र है और इस सत्र को तीन भागों में विभाजित करने और दैनिक आधार पर तदनुसार योजना बनाने का प्रयास करें। |
1 to 2 PM | लंच | दोपहर का भोजन करें लेकिन भारी दोपहर का भोजन करने से बचने की कोशिश करें, कभी-कभी इससे नींद महसूस कर सकते है और आप सों सकते हैं। |
2 to 5 PM | अध्ययन सत्र 3 | दोपहर का भोजन सबसे कठिन हिस्सा है। जटिल विषयों को पढ़ने से बचने की करे या तो सरल विषय पढ़ें या समाचार पत्र नोट्स या कुछ अन्य असाइनमेंट बनाने के लिए व्यतीत करें। |
5.15 to 5.30 PM | चाय ब्रेक | जो चाय नही पीते वो कुछ समय के लिए आराम कर सकते है |
5.30 to 6.30 PM | इंटरटैनमेंट | कुछ दिमाग को रिफ्रेश करने के लिए अपनी पसंद का कार्य करे |
7 to 9 PM | अध्ययन सत्र 4 | दिन का महत्वपूर्ण सत्र। उस दिन क्या किया गया है, उसे याद करे। और अगले दिन भी योजना बनाओ। |
9 to 10 PM | रात का भोजन | लोकसभा टीवी / राज्यसभा टीवी से समाचार रिपोर्ट देखने या एआईआर समाचार विश्लेषण सुनने के लिए इस बार भी इसका उपयोग कर सकते हैं। |
10 PM | सोना | सों जाइए, सुबह जल्दी उठने के लिए |
- समय प्रबंधन एक प्रक्रिया है सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं।
- एक ही चीज जो किसी के लिए काम करती है वह दूसरे के लिए काम नहीं भी कर सकती।
- इसलिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि उपर उल्लिखित समयसारिणी भिन्न भिन्न रूपों में सभी अभ्यर्थियों के आवश्कतानुसार उपयोगी हो सकती है ।
- आईएएस की तैयारी कर रहे प्रत्येक छात्र के पढ़ाई का अपना पैटर्न एवं संबंधित लक्ष्य होता है और उन्हें पूरा करने एवं आवश्यकता के अनुसार इस समय– सारिणी में संशोधन किया जा सकता है।